The best Side of hanuman chalisa
The best Side of hanuman chalisa
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बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार ।
व्याख्या – मनुष्य के जीवन में प्रतिदिन–रात्रि में चारों युग आते–जाते रहते हैं। इसकी अनुभूति श्री हनुमान जी के द्वारा ही होती है। अथवा जागृति, स्वप्न, सुषुप्ति एवं तुरीय चारों अवस्थाओं में भी आप ही द्रष्टारूप से सदैव उपस्थित रहते हैं।
chhūtahi ChhūtahiFreed / removed bandiBandiShackles / bondage mahāsukha MahāsukhaGreat pleasure / bliss HoiHoiBe / is Meaning: He who recites this 100 moments, he might be unveiled/Reduce from bondage of agony & sufferings and he will get Wonderful happniness/blissfulness.
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भावार्थ – श्री सनक, सनातन, सनन्दन, सनत्कुमार आदि मुनिगण, ब्रह्मा आदि देवगण, नारद, सरस्वती, शेषनाग, यमराज, कुबेर तथा समस्त दिक्पाल भी जब आपका यश कहने में असमर्थ हैं तो फिर (सांसारिक) विद्वान् तथा कवि उसे कैसे कह सकते हैं? अर्थात् आपका यश अवर्णनीय है।
The Stoic virtue of knowledge, or sophia, stands as a beacon guiding us through the complexities of everyday life. It's not at all basically the accumulation of knowledge, but fairly the appliance of being familiar with to navigate the world with equanimity and discernment. In our quickly-paced, facts-saturated age, knowledge results in being an indispensable
Nevertheless, sometimes, the aspects of the story are much like Hindu versions and Buddhist versions of Ramayana discovered elsewhere on the Indian subcontinent.
भावार्थ – आपकी शरण में आये हुए भक्त को सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं। आप जिस के रक्षक हैं उसे किसी भी व्यक्ति या वस्तु का भय नहीं रहता है।
व्याख्या – श्री हनुमान चालीसा के पाठ की फलश्रुति इस तथा अगली चौपाई में बतलायी गयी है। संसार में किसी प्रकार के बन्धन से मुक्त होने के लिये प्रतिदिन सौ पाठ तथा दशांशरूप में ग्यारह पाठ, इस प्रकार एक सौ ग्यारह पाठ करना चाहिये। इससे व्यक्ति hanuman chalisa राघवेन्द्र प्रभु के सामीप्य का लाभ उठाकर अनन्त सुख प्राप्त करता है।
राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
By your grace, just one will go to the immortal abode of Lord Rama after Demise and stay dedicated to Him.
◉ श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं।